छत्तीसगढ़: अगर धरती में कही भगवान है तो वो माँ है, ‘चोला माटी के हे राम’ गाकर लोकगायिका माँ ने बेटे को अंतिम विदाई दी

छत्तीसगढ़: अगर धरती में कही भगवान है तो वो माँ है, ‘चोला माटी के हे राम’ गाकर लोकगायिका माँ ने बेटे को अंतिम विदाई दी

राजनांदगांव (एजेंसी) | इस संसार में माँ को भगवान का दर्जा दिया गया है। माँ ही वो शख्श है जो अपनी दुःख को छुपाकर अपने बच्चे को संसार की सारी खुशियाँ देती है। इसे इस तरह कहना ज्यादा अच्छा होगा, एक माँ के लिए उसका बच्चे की ख़ुशी ही संसार की सबसे बड़ी ख़ुशी होती है। पर जब माँ का यही सुख उससे दूर हो जाता है तो उस दुःख कई कल्पना करना अत्यंत कठिन है।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ऐसी ही एक मर्मस्पर्शी घटना घटी। जिसने सभी के आँखों में आंसू ला दिए। जिले के रंगकर्मी और लोक संगीतकार सूरज तिवारी (30) का शनिवार को निधन हो गया। सूरज की इच्छा के अनुसार अंतिम यात्रा गीत और संगीत के साथ निकाली गई। घर से शव यात्रा निकलने से पहले लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने बेटे की अर्थी के सामने उसकी इच्छानुसार जीवन की सच्चाई पर आधारित लोकगीत ‘चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा’ गाकर अंतिम विदाई दी।

दाउ मंदराजी अलंकरण से सम्मानित कलाकार मां पूनम मंचों पर यह गीत कई बार गा चुकी हैं, लेकिन उन्होंने जब बेटे के शव के सामने यह लोकगीत गाया तो वहां मौजूद सारे लोग फफक पड़े। कला जगत से जुड़े सूरज के साथियों ने तबला, हारमोनियम में संगत देते हुए श्रद्धांजलि दी। रंगछत्तीसा के संचालक, रंगकर्मी व संगीतकार सूरज हदय रोग से पीड़ित थे। 26 अक्टूबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।