रायपुर : जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का आवेदन अब केवल सरकारी केंद्रों-अस्पतालों से, चॉइस सेंटरों से बंद

रायपुर : जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का आवेदन अब केवल सरकारी केंद्रों-अस्पतालों से, चॉइस सेंटरों से बंद

रायपुर. जरूरी प्रमाण पत्र तय समय पर नहीं बनने से परेशान लोगों पर अब एक और नई परेशानी आ गई है। केंद्र सरकार के नियमों का हवाला देकर चिप्स और एनआईसी ने च्वाइस सेंटरों में जन्म और मृत्य के प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगा दी है। नया नियम लागू होते ही यानी 1 जनवरी से जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के जितने भी आवेदन च्वाइस सेंटरों ने निगम को भेजे थे, सभी रिजेक्ट कर दिए गए हैं। ऐसे लगभग 5000 लोगों को एसएमएस भेजा जा रहा है कि इन प्रमाणपत्रों के लिए उन्हें सरकारी सेंटरों में दोबारा आवेदन करना होगा।

ऑनलाइन ही होगा सब कुछ

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद जरूरी दस्तावेज हैं। शहर में आमतौर पर 80 फीसदी आवेदन च्वाइस सेंटरों से ही निगम के पास जाते हैं। ऐसे में अचानक सेवा बंद होने से लोग परेशान भी हुए हैं। अफसरों ने बताया कि अब सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को एक आईडी और पासवर्ड दिया जा रहा है। अस्पताल अपने यहां ही आवेदन ले सकते हैं और आईडी-पासवर्ड के जरिए अाॅनलाइन इन्हें निगम को भेज सकते हैं। इन्हें निगम अफसर मान्य करेंगे और डिजिटल सिग्नेचर के साथ ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर देंगे।

घर में जन्म-मृत्यु हुई तो परेशानी

इस व्यवस्था से ऐसे लोग परेशान हैं जिनके घर में ही डिलीवरी हुई या परिवार के किसी सदस्य की घर में ही मृत्यु हुई। अस्पताल का डिस्चार्ज टिकट नहीं होने से उन्हें लोकसेवा केंद्रों में आवेदन नहीं मिलेंगे। निजी-सरकारी अस्पताल अपनी आईडी से उनके आवेदन फारवर्ड नहीं करेंगे। सरकारी सेंटर जन्म या मृत्यु को प्रमाणित करने के लिए ऐसे लोगों से डाक्टरों का सर्टीफिकेट मांग रहे हैं। डॉक्टर ये सर्टीफिकेट इसलिए आसानी से नहीं दे रहे क्योंकि उनका तर्क है-जब उनके सामने डिलिवरी या मौत नहीं हुई, तो वे प्रमाणपत्र कैसे दे सकते हैं।

आवेदन दिल्ली के वेब पोर्टल से
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने रायपुर और बीरगांव नगर निगम के आयुक्तों के साथ ही सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि महारजिस्ट्रार दफ्तर के निर्देशों अनुसार 1 जनवरी 2020 से जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र केवल चिप्स के ई-डिस्ट्रिक्ट सॉफ्टवेयर से ही भेजे जा सकते हैं। इसलिए सभी सरकारी सेंटरों में नई दिल्ली के वेब पोर्टल का ही उपयोग किया जाए। इस आदेश के जारी होने के बाद से ही च्वाइस सेंटरों की आईडी से भेजे गए सभी आवेदन वापस लौटाए जा रहे हैं।