कोरोना वायरस पर अंबेडकर अस्पताल में संदिग्ध मरीजों की श्वसन रोग विभाग की ओपीडी में अलग कक्ष में जांच होगी
रायपुर : कोरोना वायरस पर अंबेडकर अस्पताल में अलर्ट घोषित हो गया है। फ्लू के संदिग्ध मरीजों के लिए गुरुवार से अलग ओपीडी चालू की जा रही है। संदिग्ध मरीजों की श्वसन रोग विभाग की ओपीडी में अलग कक्ष में जांच होगी। ऐसे मरीजों की जांच के लिए डाक्टरों की टीम भी बना दी गई है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में काउंटर-काउंटर भटकना न पड़े, इसके लिए अस्पताल के मेडिको सोशल वर्करी की ड्यूटी लगायी गई है। वे मरीजों को जांच के लिए सीधे ओपीडी ले जाएंगे।
डाक्टर चेकअप के बाद संदिग्धों मरीजों के लिए जितनी भी जांच लिखेंगे, वहां भी मरीज सीधे जाएंगे। उन्हें किसी तरह की दूसरी औपचारिकता पूरी नहीं करनी पड़ेगी। अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए भी मेडिको सोशल वर्कर को नियुक्त किया है। वे मरीज को लेकर जांच में मदद करें। इससे उन्हें कहीं भी कतार में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। सामान्य मरीज भी उनके संपर्क में नहीं आएंगे। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए बनायी गई अस्थायी ओपीडी में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी तरह के उपाए कर दिए गए हैं। ऐसे मरीजों को भर्ती करने के लिए पेइंग वार्ड के छह कमरों में 12 बिस्तर आरक्षित कर दिया गया है। वहां छोटे बच्चों से लेकर वयस्क मरीजों के लिए वेंटीलेटर व जरूरी दवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा माना में 30 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। माना के आइसोलेटेड वार्ड में मरीजों को पहुंचाने और वहां से लाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है।
संदिग्ध मरीजों का इलाज करने वाली डाक्टरों की टीम
अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डा. विनित जैन ने संदिग्ध मरीजों की जांच और इलाज के लिए डाक्टरों की स्पेशल टीम बनायी है। इसमें क्षय रोग विशेषज्ञ डा. आरके पंडा, मेडिसिन के डॉ. सुरेश चंद्रवंशी, डॉ. निकिता शेरवानी, डॉ. गोकुल सरकार व डॉ. अविनाश चतुर्वेदी को शामिल किया गया है। डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए एन-95 मॉस्क, ट्रिपल लेयर मॉस्क, पीपीई किट उपलब्ध कराने को कहा गया। लोगाें को जागरूक करने के लिए अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में बीमारी संबंधी बैनर पोस्टर लगाने को कहा गया है। कोरोना फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ लगातार बैठक हो रही है। इसमें सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल व सिविल सर्जन डॉ. रवि तिवारी भी शामिल हो रहे हैं।
कौन सा वायरस
डॉक्टरों के अनुसार अभी तक जो रिसर्च के नतीजे सामने आए हैं उसके अनुसार जो कोरोना वायरस फैला है वह नोवेल है। उसे नोवेल कोरोना वायरस (2019-nCoV) कहा जाता है। इसी के अनुसार ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है।
दुर्ग का संदिग्ध मिला
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के अनुसार दुर्ग से नौकरी करने चीन गया युवक 16 जनवरी को लौटा है। सर्दी-जुकाम और बुखार पर उसने सामान्य इलाज करवाया। बीमारी ठीक नहीं होने पर वह अंबेडकर अस्पताल पहुंचा। डाक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद उसे ने संदिग्ध मानते हुए अंबेडकर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उसके स्वाब का सैंपल लिया गया। सैंपल जांच के लिए पूणे की लैब भेज दिया है।
इस बीच छत्तीसगढ़ में संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। सभी के स्वाब का सैंपल भेजा जा चुका है। इनमें एक मरीज की ही जांच रिपोर्ट सामने आई है, उसे भी कोरोना वायरस नहीं होने की पुष्टि हुई है। बाकी मरीजों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच एक संदिग्ध और सामने आ गया।
इमरजेंसी नंबर किया जारी
अस्पताल प्रशासन ने आपात स्थिति के लिए इमरजेंसी नंबर जारी किया है। राज्यभर के लोग किसी भी आपात स्थिति या जानकारी के लिए फोन नंबर 0771-2890113 पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं। यहां 24 घंटे कॉल रिसीव करने की व्यवस्था की गई है।