सरकारी अस्पतालों में नई व्यवस्था, अब दिल का इलाज, हिप व घुटना रिप्लेसमेंट होगा फ्री

रायपुर | प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हार्ट के मरीजों के लिए एंजियाेप्लास्टी का पूरा पैकेज स्वास्थ्य विभाग फ्री उपलब्ध कराएगा। हिप और घुटने के रिप्लेसमेंट यानी घुटने का प्रत्यारोपण भी फ्री होगा। अभी सर्जरी में आने वाले खर्च का केवल 35 फीसदी ही उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे मरीजों को अपने खर्च से जरूरी उपकरण खरीदने पड़ रहे हैं। पैकेज फ्री करने के प्रस्ताव पर जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा कर ली गई है। उनकी ओर से सैंद्धातिक सहमति मिल चुकी है। जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने एंजियोप्लास्टी के लिए 50 और हिप व घुटने के रिप्लेसमेंट के लिए 90-90 हजार का पैकेज तय किया है।

मरीजों को इतने पैकेज का केवल 35 फीसदी ही मिल रहा है। एंजियोप्लास्टी के लिए 17 हजार मिलते हैं, जबकि हिप व घुटना रिप्लेसमेंट के लिए 33 हजार की ही सहायता मिल रही है। ये पैसे इतने कम पड़ते हैं कि मरीजों को कई जरूरी उपकरण जैसे इंप्लांट, स्टेंट, रॉड, स्क्रू, कृत्रिम नस अपने पैसे से खरीदने पड़ रहे हैं। ऐसे में गरीब मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। सरकार की फ्री स्कीम का फायदा नहीं मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने इसी पैकेज में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आधा अधूरा पैकेज इन बीमारियों में भी

शासन की फ्री स्कीम का आधा अधूरा पैकेज एंजियोप्लास्टी, हिप और घुटने के रिप्लेसमेंट के अलावा ब्रेन की एंजियोग्राफी, कैंसर के मरीजों की सिंकाई व कीमोथैरेपी, कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी, न्यूरो सर्जरी कराने वाले मरीजों को भी हो रही है। इन बीमारियों के पैकेज का पूरा लाभ भी मरीजों को दिलाने का प्रस्ताव बनाया गया है।

65 फीसदी बंट रहा पैकेज

सरकारी अस्पताल के पैकेज का 40 फीसदी सरकार के कोष में जा रहा है। 25 फीसदी डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इंसेंटिव के तौर पर बांटा जा रहा है। इसके बाद बचने वाला 35 फीसदी ही मरीजों को दिया जा रहा है। इसी वजह से मरीजों को पूरी सहायता नहीं मिल रही है। गौरतलब है कि ये दिक्कत केवल सरकारी अस्पतालों में हो रही है। निजी अस्पतालों में मरीजों को योजना का पूरा पैकेज मिल रहा है। वहां के पैकेज का न तो 40 फीसदी सरकार के खाते में जा रहा है और न ही डाक्टरों को अलग से इंसेंटिव दिया जा रहा है। इस वजह से मरीजों को पूरी सहायता मिल रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने ऐसी सर्जरी और इलाज जो सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है, उसे प्राइवेट में फ्री इलाज के पैकेज से अलग कर दिया है। इसलिए भी इस योजना में मरीजों को राहत देने की तैयारी है।

प्रस्ताव भेजा है

पूरा पैकेज फ्री करने का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। आला अफसरों से इस बारे में कई स्तर पर चर्चा हो चुकी है। उनकी ओर सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। एक-दो कागजी औपचारिकता बाकी है। उसे शासन स्तर पर दूर कर लिया जाएगा।  डाॅ. श्रीकांत राजिमवाले, डिप्टी स्टेट नोडल अधिकारी, डाॅ. खूबचंद स्वास्थ्य सहायता योजना