राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने कहा – पुराने तरीके पर चलते तो 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता, मुस्लिम बहनों को तीन तलाक डराती रहती,राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम मोदी ने कहा – पुराने तरीके पर चलते तो 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता, मुस्लिम बहनों को तीन तलाक डराती रहती,राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार कामों की इतनी जल्दी क्यों है? मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को संयुक्त सत्र में अभिभाषण के दौरान अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास का मार्ग खुल सकेगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि भारत से रिकॉर्ड 2 लाख मुस्लिम हज के लिए जाते हैं। भारत दुनिया का अकेला देश है, जहां हज की पूरी प्रक्रिया डिजिटल है।

‘पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता’
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। एक नई सोच की जरूरत है। लेकिन हम पहले के तरीके से चलते और उस रास्ते पर चलते जिसकी आपको आदत हो गई थी तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता और मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती। राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। करतारपुर साहिब कॉरिडोर कभी नहीं बनता। न ही बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझता।’’

कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाए
‘‘आज दुनिया की भारत से अपेक्षा है। अगर हम चुनौतियों को चुनौती नहीं देते तो शायद देश को अनेक समस्याओं से लंबे अरसे तक जूझना पड़ता। अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता।
फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता।’’

‘‘हमने जिस तेजी से काम किया है। जनता ने इसे देखा और अधिकता के साथ हमें दोबारा काम करने का मौका दिया। अगर ये तेजी नहीं होती तो 11 करोड़ घरों में शौचालय न होता, 13 करोड़ घरों में गैस का चूल्हा न पहुंचता और लंबे अरसे से दिल्ली में अटकी 17 अवैध कॉलियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को अपने घर का अधिकार न मिलता।’’

दो चरण में बजट सत्र
बजट सत्र दो चरणों में होगा। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 11 फरवरी को खत्म होगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।