अयोध्या के मंच से बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : राम मंदिर युगों-युगों तक मानवता के लिए आस्था का प्रतीक रहेगा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आज भूमि पूजन पूरा हो गया है. भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य पूजा की और इस ऐतिहासिक कार्य की आज अयोध्या साक्षी बनी है. कार्यक्रम में 175 प्रतिष्ठित अतिथि आए हुए थे. करोड़ों राम भक्तों का सालों का इंतजार आज पूरा हो गया जब राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई है और विधिवत रूप से राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि राम अमिट हैं, राम सबके हैं और सबमें हैं. राम मंदिर युगों-युगों तक मानवता के लिए आस्था का प्रतीक बना रहेगा
अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के शिलान्यास के अवसर पर राजस्थान के कई हिस्सों में पूजा पाठ का अयोजन किया गया तथा राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस ऐतिहासिक दिन बताते हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रार्थना की कि भगवान राम का मंदिर हमारे देश में एकता और भाईचारे का प्रतीक बने. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए आधारशिला रखे जाने के अवसर पर राज्य के कई शहरों में विशेष पूजा पाठ हुआ. अजमेर और अलवर में अखंड रामायण के पाठ का आयोजन किया गया.
गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था, जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भू–भाग ऐसा नहीं था, जहां आजादी के लिए बलिदान नहीं दिया गया है. 15 अगस्त का दिन उन अथाह तप का, लाखों बलिदानों का प्रतीक है. ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई–कई सदियों तक, कई–कई पीढ़ियों ने अखंड, अविरत, एकनिष्ठ प्रयास किया, आज का यह दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है.
राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था. संघर्ष भी था, संकल्प भी था. जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज यह स्वप्न साकार हो रहा है. मैं उन सब लोगों को 130 करोड़ देशवासियों की ओर से सिर झुकाकर नमन करता हूं, अभिनंदन करता हूं. आज इस आयोजन को देख रहे करोड़ों-करोड़ों लोग आज उनको नमन कर रहे हैं.
राम हमाने मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुलमिल गए हैं. कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं. भगवान राम की अद्भुद शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ. अस्तित्व मिटाने का हर कोई क्या कुछ प्रयास नहीं हुआ. लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं. श्रीराम भारत की मर्यादा हैं. श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. इसी आलोक में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर श्रीराम के इस भव्य दिव्य मंदिर के लिए आज भूमिपूजन हुआ है.
यहां आने से पहले हनुमान गढ़ी का दर्शन किया. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं. भगवान राम के आदर्शों की कलयुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान जी की ही है. हनुमान जी के आशीर्वाद से श्रीराम मंदिर भूमिपूजन का आयोजन हुआ है. श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतिनिधित्व भी बनेगा. हमारी शास्वत आस्था का प्रतीक बनेगा. हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा, और यह मंदिर करोड़ों–करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा. यह मंदिर आने वाले पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा.
इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र की बदल जाएगा. यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, अवसर बढ़ेंगे. पूरी दुनिया से यहां प्रभु श्रीराम और माता जानकी का दर्शन करने के लिए आएगी. भगवान राम का यह मंदिर राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है. यह महोत्सव है विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का, नर को नारायण से फिर से जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से और स्व को संस्कार से जोड़ने का प्रतीत बनेगा.