ईरानी जनरल सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में हत्या के बाद, ईरान का पलटवार – तीन अमेरिकी एयरबस पर दागे 12 से ज्यादा मिसाइलें, 80 अमेरिकी सैनिको के मारे जाने का दावा

नई दिल्ली (एजेंसी) ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और गठबंधन बल के खिलाफ अपने कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए बुधवार को दर्जनों मिसाइल हमले किए। तेहरान ने आक्रामक रुख अपनाते हुए इराक में अमेरिकी सैनिकों के दो ठिकानों पर मिसाइल से दागे। समाचार एजेंसी एएफपी ने ईरान की सरकारी मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है।

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने भी ईरान के हमले की पुष्टि की है। पेंटागन ने ईरानी हमले की खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि इराक में हमारे दो ठिकानों पर ईरान ने मिसाइल से हमला किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने बुधवार तड़के अल असद और इरबिल एयरबेस पर 35 रॉकेट दागे। इन दोनों जगहों पर अमेरिकी सेना तैनात है।

इस हमले में किसी भी जानमाल के नुकसान की हालांकि अभी खबर नहीं है। अमेरिकी अधिकारी के हवाले से सीएनएन ने बताया कि फिलहाल किसी के भी मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसका मूल्यांकन किया जा रहा है।

ईरान ने अमेरिकी सैनिकों को जल्द इराक छोड़ने को कहा

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के सहायक जोनाथन हॉफमैन ने एक बयान में कहा, “7 जनवरी को करीब 5:30 पीएम (ईएसटी) में ईरान ने इराक में एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों पर हमला किया।”

उन्होंने कहा, “यह साफ तौर पर जाहिर है कि ये मिसाइल ईरान की तरफ से दागे गए थे, जिनका निशाना इराक में अमेरिकी और गठबंधन सैनिकों के दो ठिकाने अल-असद और इरबिल थे।” इससे पहले भी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट रविवार (5 जनवरी) को दो रॉकेट दागे गए थे।

अमेरिकी राजनयिकों की हत्या की साजिश रच रहा था कमांडर सुलेमानी

गौरतलब है कि शुक्रवार (3 जनवरी) को बगदाद हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी (62) की मौत हो गई थी जिससे इस्लामिक गणराज्य को गहरा झटका लगा है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था।

पोम्पिओ बोले, ईरानी कमांडर सुलेमानी की हत्या करके अमेरिका ने सही किया

सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। सुलेमानी को ईरान में वहां के सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अली खामेनेई के बाद दूसरा सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता था। सुलेमानी का कुद्स बल (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक शाखा) सीधे खामेनेई को रिपोर्ट करता था और वह एक राष्ट्र नायक माने जाते थे।