राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक आज, मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान संभव

राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक आज, मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान संभव

नई दिल्ली | राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को राम जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रमुख के पाराशरण के घर पर हुई। यह बैठक विजया एकादशी (19 फरवरी) के दिन हुई। यह भी संयोग ही है कि सुप्रीम कोर्ट ने देव प्रबोधिनी एकादशी (8 नवंबर) को राम मंदिर भूमि विवाद पर फैसले की तारीख का ऐलान किया था। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में जया एकादशी (5 फरवरी) को ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। 15 दिन बाद 6 मार्च को होने वाली ट्रस्ट की अगली बैठक के दिन आमलकी एकादशी होगी।

राम जन्मभूमि न्यास की पहली बैठक में फैसला लिया गया कि राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय महासचिव होंगे। गुरू पांडुरंग अठावले के शिष्य स्वामी गोविंद देव गिरि कोषाध्यक्ष बनाए गए। मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन पूर्व कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्र होंगे। खास बात ये है कि संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए कामदा एकादशी (4 अप्रैल) का मुहूर्त सुझाया है।

राम मंदिर से एकादशी का संबंध:

तारीख घटनाक्रम तिथि
8 नवंबर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख का ऐलान किया देव प्रबोधिनी एकादशी
5 फरवरी प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा की जया एकादशी
19 फरवरी राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की पहली बैठक हुई विजया एकादशी
4 अप्रैल संतों ने राम मंदिर निर्माण शुरू करने का मुहूर्त सुझाया कामदा एकादशी
6 मार्च राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की अगली बैठक आमलकी एकादशी

मंदिर निर्माण के लिए चार तारीखों पर विचार

सूत्रों के मुताबिक बैठक में निर्माण शुरू करने के लिए कामदा एकादशी के अलावा तीन और तारीखों पर भी विचार किया गया। पहली तारीख 25 मार्च (चैत्र प्रतिपदा) है, इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके अलावा 2 अप्रैल (रामनवमी) और 8 अप्रैल (हनुमान जयंती) पर भी चर्चा की जा रही है। लेकिन, संतों की तरफ से 4 अप्रैल की एकादशी को ही मंदिर निर्माण का मुहूर्त करने पर जोर दिया जा रहा है।

वैष्णव संप्रदाय के लिए एकादशी बेहद शुभ

रामानंद संप्रदाय समेत सभी वैष्णवों में एकादशी सर्वश्रेष्ठ तिथि मानी जाती है। वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले लोग इस दिन को हर नए काम के लिए शुभ मानते हैं। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में शामिल एक संत का कहना है कि हम इसलिए एकादशी के मुहुर्त पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि अब तक मंदिर निर्माण संबंधी सभी महत्वपूर्ण घोषणाएं एकादशी को ही हुई हैं।