राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के विभिन्न संशोधन प्रस्तावों का किया अनुमोदन

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के विभिन्न संशोधन प्रस्तावों का किया अनुमोदन

राज्यपाल सह कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 की धारा 37(6) में निहित प्रवधान के अन्तर्गत परिनियम 18 के धारा 1, 8, व 12 में प्रस्तावित संशोधन का अनुमोदन कर दिया है।

अनुमोदित संशोधन के अनुसार परिनियम 18 के धारा 1 में उपबन्धित उपधारा (ं),(इ),(ब) के उपरान्त (क)  जोड़ा गया है। जिसके अनुसार किसी भी महाविद्यालय को मान्यता प्राप्त करने अथवा मान्यता जारी रखने के लिये निर्धारित आवेदन के पूर्व विश्वविद्यालय को देय बकाया राशि का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार धारा 8 के उपधारा 1 में कंडिका (ं) तथा (इ) के पश्चात (ब) जोडा़ गया है।

जिसके अनुसार पिछले दो या दो से अधिक वर्षो में जिन संस्थानों के द्वारा सुचारू संचालन के लिए कमियों को दूर नहीं किया गया है, उन्हें दंडित किया जायेगा तथा दण्ड का निर्धारण कार्य परिषद निर्धारित करेगा। इसके साथ ही परिनियम 18 के धारा 12 में उपबन्धित उपधारा 1 से 7 के उपरान्त 8 जोड़ा गया है। जिसके अनुसार विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त सभी संस्थानों में विश्वविद्यालय के परिनियम 19 के अंतर्गत स्वीकृत कुल कैडर के 60ः फैकल्टी/शिक्षक अनिवार्य रूप उपलब्ध से होने चाहिये। उक्त 60ः की बाध्यता को कार्य परिषद द्वारा आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाया जा सकता है।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विगत दिवस छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 की धारा 39(2) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत अध्यादेश क्रमांक-35 में प्रस्तावित संशोधन का अनुमोदन कर दिया है। इस संशोधन के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, आर्किटेक्चर, मैनेजमेंट, फार्मेसी, एम.सी.ए., टाउन प्लानिंग आदि में ऑडिट कोर्स को शामिल किया गया है।

उक्त संशोधन के उपरांत अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन के अनुसार विश्वविद्यालय क्रेडिट अंकों पर आधारित विभिन्न विषयों में ऑनलाईन सर्टिफिकेट कोर्स की सुविधा प्रदान करेगा। यह कोर्स सी.एस.वी.टी.यू. के मानकों पर आधारित होंगे जो सभी विश्वविद्यालयों में स्वीकार किए जाएंगे।