नगरीय निकाय चुनाव 2019 परिणाम: छत्तीसगढ़ के 10 निगम में से 8 पर कांग्रेस का कब्जा, रायपुर में एजाज ढेबर बने महापौर

नगरीय निकाय चुनाव 2019 परिणाम: छत्तीसगढ़ के 10 निगम में से 8 पर कांग्रेस का कब्जा, रायपुर में एजाज ढेबर बने महापौर

रायपुर | छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के बाद अब महापौर पद पर भी कांग्रेस के हाथ बाजी लगी है। प्रदेश के 10 नगर निगमों में से जगदलपुर, राजनादंगाव और बिलासपुर सहित 8 पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। सोमवार को रायपुर में एजाज ढेबर, चिरमरी में कंचन जायसवाल, दुर्ग में धीरज बाकलीवाल, रायगढ़ में जानकी काटजू और धमतरी में विजय देवांगन महापौर निर्वाचित हुए हैं।

रायपुर, दुर्ग और धमतरी में निर्दलीयों का समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। चिरमिरी में मतदान के ठीक पहले भाजपा उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

नगर निगम  महापौर
रायपुर एजाज ढेबर
दुर्ग धीरज बाकलीवाल
रायगढ़ जानकी काटजू
धमतरी विजय देवांगन
चिरमिरी कंचन जायसवाल

रायपुर में भाजपा के मृत्युंजय दुबे को मिली शिकस्त, सभी निर्दलीय आए कांग्रेस के साथ

दरअसल, रायपुर में मेयर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कांग्रेस ने जहां देर रात ही अपने पत्ते खोल दिए थे, वहीं भाजपा लगातार विरोध जताती रही। भाजपा की ओर से महापौर पद के चार दावेदार सामने आ गए। हालांकि बाद में भाजपा ने आधिकारिक रूप से मृत्युंजय दुबे काे उम्मीदवार बनाया और बाकी ने नाम वापस ले लिए।

70 वार्ड वाले रायपुर नगर निगम में भाजपा को 29 में जीत मिली थी। जबकि कांग्रेस के पार्षद 34 और सात वार्ड में निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। ऐसे में शहर सरकार के लिए निर्दलीय तुरुप का पत्ता बनकर उभरे और कांग्रेस को 41 पार्षदों का समर्थन मिला।

धमतरी में हुई कांटे की टक्कर, चिरमिरी में निर्विरोध निर्वाचन

वहीं धमतरी नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर हुई। 40 वार्ड वाले निगम में भाजपा ने 17 व कांग्रेस ने 18 और निर्दलीय ने 5 वार्डों में कब्जा जमाया था। मतदान के दौरान 4 निर्दलीय कांग्रेस के पक्ष में आ गए और विजय देवांगन को 22 मत मिले। जबकि धनीराम को 18 मत प्राप्त हुए।

जबकि सभापति के लिए भाजपा को क्राॅस वोटिंग के चलते मात्र 15 वोट ही मिल सके। कांग्रेस के अनुराग मसीह  25 मतों के साथ सभापति चुने गएं। दूसरी ओर चिरमिरी में मतदान से ठीक पहने नाम वापस लेने के कारण निर्विरोध निर्वाचन हुआ।