सामुदायिक अस्पताल में 35 बैगा-आदिवासी महिलाओं की नसबंदी, बेड न होने पर महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया

छत्तीसगढ़ में संरक्षित बैगा-आदिवासी जनजाति की महिलाओं की नसबंदी पर प्रतिबंध है। इसके चलते क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं नसबंदी कराने छग सीमा से लगे मध्यप्रदेश के सामुदायिक अस्पताल समनापुर (डिंडौरी) जाती है। गुरुवार को भी करीब 200 की संख्या में महिलाएं खुद के खर्च से गाड़ी किराया गए वहां गई थी।
लापरवाही देखिए कि उस अस्पताल में पर्याप्त बेड (बिस्तर) नहीं था। इसके बावजूद एक के बाद एक 35 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई। बेड न होने पर ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया। फर्श पर लेटी महिलाएं ऐसी लग रही थी कि जैसे वे मरीज न होकर लाशें हैं।
गुरुवार रात को जब अस्पताल में माहौल बिगड़ा, तो स्टाफ ने आनन-फानन में महिलाओं को वापस भेज दिया। ये सभी महिलाएं पंडरिया ब्लॉक के गांवों की रहने वाली है। दरअसल, अस्पतालों को महिला नसबंदी के लिए टारगेट दिया जाता है। सीमावर्ती इस अस्पताल में टारगेट पूरा करने के लिए छग के संरक्षित जनजाति की महिलाओं की नसबंदी कर रहे हैं। केवल विभागीय आंकड़ा को पूरा करने अधिकारी प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं।
बेहद गंभीर मामला, उनकी सेहत की देखरेख करेंगे
घटना के बारे में जानकारी मिली है। यह बेहद गंभीर मामला है। संबंधित ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर की टीम गठित कर ऐसी महिलाओं को चिह्नांकित किया जाएगा। उनकी सेहत की देखरेख करेंगे। साथ ही क्षेत्र में जागरूकता के लिए अभियान चलाएंगे।