व्यापारियों ने धान खरीदी से किया इनकार, छोटे किसानों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से धान न आ सके इसे लेकर सरकार सख्त है। इसका असर अब किसानों की जिंदगी में दिखने लगा है। शनिवार को गरियाबंद जिले में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल प्रशासन द्वारा अवैध धान को लेकर की जा रही छापेमारी से बचने के लिए गल्ला व्यापारियों ने चिल्हर धान खरीदने से इंकार कर दिया है। देवभोग तहसील के ओड़िसा सीमा से लगे झाखरपारा इस वजह से हंगामा हो गया। व्यापारियों ने एक राय होकर 15 फरवरी तक किसानों से धान न लेने का एलान कर दिया है।
दरअसल जरूरत मंद किसान समर्थन मूल्य खरीदी शुरू होने से पहले अपनी परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने चिल्हर धान बेचते हैं। इनसे आने वाले पैसों से वह मूलभूत जरुरतों को पूरा करते हैं। व्यापारियों के इंकार की वजह से किसानों में गुस्सा है। अब इन हालातों से निबटने प्रशासन कोशिशें कर रहा है। एसडीएम भूपेंद्र साहू ने देवभोग गल्ला व्यापारियों से मुलाकात कर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है।1 दिसंबर से सरकार समर्थन मूल्य पर धान खरीदना शुरू करेगी। माना जा रहा है कि उससे पहले इसी तरह के हालात बने रहेंगे।